नैनीताल। कहा जाता है कि योग की गुप्त विद्याओं का अभ्यास कर मनुष्य आश्चर्यजनक कारनामे कर सकता है। ऎसा ही चमत्कार नैनीताल के हैदाखान गांव में देखा गया। एक योगी बाबा हिमालय पर्वत श्रृंखला के ऊपर उड़ते हुए देखे गए।
"अमर बाबा" (इम्र्मोटल बाबा) के नाम से प्रसिद्ध हुए ये बाबा हैं हैदाखान बाबा। बताया जाता है कि हैदाखान बाबा के सपने में उनके गुरू आए और उन्होंने योग के गुप्त रहस्यों के बारे में बताया। इन्हीं गुप्त योग विद्याओं के बल पर बाबा ने कई चमत्कार किए। हैदाखान गांव के लोगों की बातों पर विश्वास करें तो ये बाबा हिमालय की पहाडियों के ऊपर उड़ते हुए देखे गए।
हैदाखान बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबाजी अमर हैं। इनकी मृत्यु नहीं हो सकती है। सबसे पहली बार हिमालय पृवत श्रृंखला में इन्हें 1970 में गुफा के अंदर ध्यान लगाए देखा गया। इस 45 दिनों के ध्यान में ये अपनी जगह से हिले तक नहीं। सितम्बर 1971 में हैदाखान बाबा ने हल्दवानी कोर्ट को यकीन दिलाया कि वह स्वयं ही "प्राचीन हैराखान बाबा" हैं जिन्हें 1860 से 1922 के दौरान इस क्षेत्र में देखा गया था। प्राचीन हैराखान बाबा होने के कारण ही उन्हें काठगारिया और हैदाखान आश्रमों को काम में लेने का हक है।
विभिन्न रिपोर्टस के अनुसार बाबा ने 1984 में अपने ही आश्रम में महासमाधि ले ली और शरीर त्याग दिया। पर आश्चर्यजनक रूप से 2002 में बाबा को कैलाश पर्वत पर नंगे पांव चहलकदमी करते देखा गया। ऎसे और इसी तरह के कई मौकों पर उनके शिष्यों और ग्रामीणों ने बाबा को देखा है। माना जाता है कि ये बाबा अजर-अमर हैं। इनके कई अवतार अब तक जन्म ले चुके हैं।
भले ही इनके अवतार और चमत्कारों की घटनाएं वैज्ञानिक रूप से स्वीकार्य नहीं की जा सकती है, लेकिन उनके शिष्यों ने जो अनुभव किया और बताया वह अत्यंत रूचिकर है। बाबा के अवतार बताए जाने वाले साधुओं ने जो घटनाएं और साक्ष्य बताएं हैं उनसे भी इस बात को बल मिलता है कि कुछ तो है जो लगातार कई वर्षो से निरंतर हो रहा है
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