शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

अठारह साल के कृत्य पर अब सजा

अठारह साल के कृत्य पर अब सजा

 (असलियत क्या है खुद जाने) 

आईएएस नौकरशाह कैसे राज्य के ईमानदार अफसरों का मनोबल मीडीया के गठजोड़ से तोड़ते खुद जाने.....

सस्पेंड चल रहे समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा को 18 साल पहले
की गई गलती की सजा अब मिली। शासन ने शर्मा केआचरण की घोर निंदा करते हुए
दो वेतन वृद्धि पर स्थाई रोक दी है। शर्मा 1996-97 में बुलंदशहर में समाज
कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे। शासन ने विभाग के खिलाफ अनर्गल
बयानबाजी करने के आरोप में दो माह पहले शर्मा को सस्पेंड कर सीडीओ
पिथौरागढ़ कार्यालय से संबंध कर रखा है। सस्पेंड होने के समय वह
पिथौरागढ़ के ही समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे।
शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बुलंदशहर में तैनाती के दौरान स्वच्छकार
विमुक्ति योजना के अंतर्गत 2075 स्वच्छकारों को प्रशिक्षण देने के लिए
यूपी अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम द्वारा दिए गए 41.50 लाख रुपये का
प्रयोग नहीं किया। उन्हें, उक्त धनराशि को पीएलए में रखने और आहरण वितरण
अधिकारी के कर्तव्यों एवं दायित्वों का उचित पालन नहीं किए जाने का दोषी
पाया गया। 2004 में शर्मा यूपी से उत्तराखंड आ गए, इसके बाद यूपी ने
उत्तराखंड शासन को जांच रिपोर्ट आदि तथ्य भेजकर दंडित करने की सिफारिश
की, लेकिन तब से मामला अब तक लटका रहा। करीब चार माह पहले शर्मा को
सस्पेंड कर दिया गया और जून में राज्य लोक सेवा आयोग ने भी शर्मा को दिए
जाने वाले दंड पर अपनी सहमति दे दी। पर, मामला फिर लटक गया। अब समाज
कल्याण आयुक्त व अपर मुख्य सचिव एस राजू ने विगत 22 सितंबर को जारी आदेश
में दोषी अफसर के आचरण की घोर निंदा कर दो वार्षिक वेतन वृद्धि स्थाई रूप
से रोकने का दंड जारी किया।"

Chandra Shekhar Kargeti
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nkargeti@gmail.com
Advocate , RTI Activist

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