बुधवार, 20 मई 2015

चारधम यात्रा ने पकड़ी ‘रफ्रतार’



अब तक एक लाख से अध्कि श्र(ालुओं ने किए बदरी-केदार के दर्शन, पर्यटक स्थलों में उमड़े सैलानी
आशुतोष डिमरी
देहरादून। वर्ष 2013 की हिमालयी त्रासदी के बाद उत्तराखंड के चारधमों में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों रफ्रतार थम सी गई थी। लेकिन इस साल उत्तराखंड के चारोंधमों के कपाट खुलते ही यह रफ्रतार ध्ीरे-ध्ीरे बढ़ने लगी और अब रफ्रतार अपनी असली रूप में दिखने लग गयी है। श्री बदरीनाथ धम, श्री केदारनाथ, गंगोत्राी और यमुनोत्राी में श्र(ालुओं और पर्यटकों का जमावड़ा लगने लगा है। इससे जहां स्थानीय लोगों को पफायदा मिल रहा है वही राज्य में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती आमद से सभी के चेहरों पर रौनक लौट आयी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 को आयी प्राकृतिक आपदा के बाद उत्तराखंड के चारधमों में जो जन और ध्न की हानि हुई थी और उत्तराखंड के चारधमों में आने के लिए तीर्थयात्राी और पर्यटक घबरा रहे थे। प्रदेश सरकार और मंदिर समिति के अथक प्रयासों से इस बार तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को उत्तराखंड के चारधमों और यहां के पर्यटक स्थलों को सुरक्षित बताने में सपफल रहे। यही कारण है कि इस साल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों ने उत्तराखंड का रूख किया। इस साल श्री केदारनाथ के कपाट 24 अप्रैल और श्री बदरीनाथ के कपाट 26 अप्रैल और गंगोत्राी-यमुनोत्राी के कपाट अक्षय तृतीया को खोले गए थे। कपाट खुलते समय ही यहां तीर्थयात्रियों का हुजुम उमड़ गया था, जो उस समय से अभी तक जारी है। नित्य श्री केदारनाथ और श्री बदरीनाथ धम में तीर्थयात्रियों का भारी संख्या में आना लगातार जारी है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याध्किारी बीडी सिंह ने बताया कि श्री बदरीनाथ धम में अभी तक अस्सी हजार से अध्कि तीर्थयात्रियों और श्री केदारनाथ में चालीस हजार से अध्कि तीर्थयात्रियों ने भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया है।
ज्ञात हो कि श्री बदरीनाथ धम में अभी तक 80 हजार से अध्कि श्र(ालु बदरीनाथ धम पहुंचकर भगवान के दर्शन कर चुके हैं। चमोली के जिलाध्किारी अशोक कुमार ने बताया कि तीर्थयात्रियों की संख्या में दिनप्रतिदिन इजापफा हो रहा है और तीर्थयात्राी जिले के पर्यटक स्थलों की भी सैर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर सर्तक है और संबंध्ति विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। केदारनाथ मंदिर समिति के कार्याध्किारी अनिल शर्मा ने बताया कि दिन प्रतिदिन केदारनाथ में तीर्थयात्राी की संख्या बढ़ रही है और जून में और अध्कि बढ़ने की उम्मीद है। केदारनाथ आपदा के बाद यात्रा व्यवस्था को पुराने ढर्रे पर लाना सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई थी। सरकार ने 2014 में प्रतिदिन 500 यात्रियों को ही सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना करने का निर्णय लिया था। केदारनाथ में पांच सौ यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था की गई थी, हालांकि यह संख्या कई बार 700 तक भी पहुंची। लेकिन, इस बार प्रशासन ने यात्रियों की संख्या बढ़ाते हुए प्रतिदिन 1500 यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे रवाना करने का निर्णय लिया। यात्रियों की संख्या प्रशासन के अनुमान से कहीं अध्कि है। इन दिनों प्रतिदिन दो हजार से लेकर 2500 यात्राी बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। इस मामले में रूद्रप्रयाग के जिलाध्किारी डा. राघव लंघर से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यात्रियों की बढ़ रही संख्या को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। केदारनाथ, लिनचोली व अन्य पड़ाव स्थालों पर यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है।

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