मंगलवार, 7 सितंबर 2021
बारिश के लिए टोटके: मेंढक की शादी, जिंदा आदमी की शवयात्रा, इंद्रदेव को सजा!
बारिश के लिए टोटके: मेंढक की शादी, जिंदा आदमी की शवयात्रा, इंद्रदेव को सजा! September 7, 2021 Santosh Benjwal 0 Comments मुखिया को गधे पर घुमाना… बारिश के लिए होते हैं एमपी में ऐसे टोटके उदय दिनमान डेस्कः मध्यप्रदेश के दमोह जिले में बारिश के नाम पर लोगों ने अजीबोगरीब टोटका किया गया है। मासूम बच्चियों को बिना कपड़े के गांव में घुमाया है। तस्वीर वायरल होने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। राष्ट्रीय बाल आयोग ने इसे लेकर दमोह कलेक्टर को नोटिस भेजा है। इसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई है। मगर एमपी में अच्छी बारिश के लिए अलग-अलग टोटके किए जाते हैं। कहीं मेढ़क की शादी, कहीं इंद्रदेव को सजा, कहीं गधे पर बैठाकर मुखिया को घुमाना तो कहीं पर जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली जाती है। बाढ़ के बाद एमपी के कई जिले सूखे की चपेट में हैं। ग्रामीण इलाकों में हर साल अच्छी बारिश के लिए ग्रामीण टोटके करते हैं। मालवा निमाड़ के कुछ ग्रामीण इलाकों मेंढक और मेंढकी की शादी कराई जाती है। इसी साल जुलाई महीने में इंदौर के राजवाड़ा क्षेत्र में दो युवकों को सांकेतिक रूप से मेंढक और मेंढकी बनाया गया। इसके बाद दोनों की शादी कराई गई। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ खूब उमड़ी थी। मान्यता है कि मेंढक और मेंढकी की शादी से इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है। वहीं, बैतूल के आदिवासी इलाकों में बारिश के लिए अनोखे टोटके अपनाए जाते हैं। इसी साल जुलाई महीने में बैतूल जिले असाडी गांव में टोटका किया गया था। गांव के अदिवासी भगवान इंद्र की प्रतिमा को मिट्टी में लपेट देते हैं। ग्रामीणों में मान्यता है कि इससे भगवान इंद्र को सांस लेने में दिक्कत होती है। इसकी वजह से वह बारिश कराएंगे। वहीं, गांव के अर्द्धनग्न बच्चे उनकी परिक्रमा करते हैं। ग्रामीणों को पूरा भरोसा रहता है कि इससे बारिश होती है। जुलाई की शुरुआत में इसी साल बारिश नहीं होने की वजह से गांव में मुखिया को गधे पर बिठाकर घुमाया गया था। रतलाम के धराड़ गांव में ग्रामीणों ने मुखिया को गधे पर बैठाकर घुमाया था। मान्यता है कि ऐसा करने से इंद्रदेव प्रसन्न हो जाते हैं। इस दौरान गांव साथ में ढोल और नगाड़े बजाता है। बड़ी संख्या में गांव के लोग साथ-साथ घुमते हैं। मुखिया के गधे पर बैठाकर गांव के लोग देवी-देवताओं की पूजा भी करते हैं। एमपी के धार जिले में अच्छी बारिश के लिए जिंदा आदमी की शवयात्रा निकाली जाती है। इसी साल जून के आखिरी में धार जिले के सरदारपुर में बारिश के लिए एक जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली गई थी। गांव के लोगों ने मुकेश भाबर नाम के शख्स को अर्थी पर लिटाया और पूरे इलाके में उसकी शवयात्रा लेकर घूमे। इस शवयात्रा के दौरान ढोल नगाड़ों की आवाज भी सुनाई देती है। इस दौरान ग्रामीणों ने अच्छी बारिश की कामाना की थी। ग्रामीणों ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में जब-जब बारिश नहीं हुई, तब-तब यह टोटका अजमाया है। वहीं, एमपी के दमोह जिले में तो टोटका के नाम पर अश्लीलता फैलाई गई है। यहां आदिवासी समाज के लोगों ने बारिश के लिए टोटका किया है। मासूम बच्चियों को गांव में नंगा घुमाया गया है। यह घटना बनिया गांव की है। गांव की बच्चियां बिना कपड़े के घुमते हुए खेर माता मंदिर तक पहुंची हैं। यहां पर खेर माता की प्रतिमा को गोबर का लेप किया है। गांव के लोगों की मान्यता है कि बारिश इतनी होगी कि प्रतिमा पर लगा हुआ गोबर खुद ही धुल जाएगा।
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