सोमवार, 25 अगस्त 2014

...और शेर से भिड़ गई पहाड़ की शेरनी

...और शेर से भिड़ गई पहाड़ की शेरनी

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 54 साल की एक महिला ने अपनी बहादुरी से तेंदुए को मात दे दी. करीब एक घंटे की इस हिंसक भि‍ड़ंत के दौरान खेत में मजदूरी करने वाली कमला देवी ने हंसिए को अपना हथि‍यार बनाया और आत्मरक्षा में तेंदुए पर ताबड़तोड़ वार किए. घटना के बाद जहां तेंदुए की मौत हो गई, वहीं तीन फ्रैक्चर और करीब 100 टांकों के बाद कमला देवी की हालत अस्पताल में स्थि‍र बनी हुई है. दिलचस्प बात यह भी है कि इस भि‍ड़ंत के बाद गंभीर रूप से घायल कमला देवी करीब एक किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव भी पहुंची. जानकारी के मुताबिक रुद्रप्रयाग के कोटी बोडना गांव की रहने वाले कमला देवी रविवार सुबह गांव से दूर अपने खेत पर काम करने गई थी. ऐसे में दोपहर का खाना बनाने के लिए जब वह खेत से वापस गांव लौट रही थी, तभी रास्ते में तेंदुए ने उन पर हमला बोल दिया. कमला देवी के हाथ में हंसिया था और उन्होंने बहादुरी के साथ उसी को अपना हथि‍यार बना लिया. गांववालों का कहना है कि महिला से संघर्ष के बाद तेंदुआ वहां से चला गया, जबकि बाद में गांव वालों ने उसे एक जगह पर मरा हुआ पाया.कमला देवी की इच्छाशक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुरी तरह जख्मी होने और लगातार खून निकलने के बावजूद वह एक किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव पहुंची. गांववालों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अगस्त्यमुनि अस्पताल में भर्ती करवाया. बाद में उन्हें श्रीनगर रेफर कर दिया गया.महिला का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि महिला के शरीर पर 100 से ज्यादा टांके लगे हैं. इसके अलावा महिला के दाहिने हाथ पर दो और बाएं पर एक फ्रैक्चर है. कमला देवी के सिर और पैर में भी गहरे जख्म हैं.वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट लखपत रावत कहते हैं कि तेंदुए बहुत चालाक होते हैं. वे किसी संघर्ष से तभी पीछे हटते हैं, जब उन्हें यह लगे कि सामने वाला उससे ज्यादा ताकतवर है. तेंदुए का हमला कुछ मिनट और अधिक से अधि‍क 10 मिनट का होता है. तेंदुए की तेजी उसके हमले को घातक बनाती है. रावत कहते हैं, 'यह शायद देश का ऐसा पहला मामला है, जहां महिला ने तेंदुए को मार गिराया है. शायद तेंदुआ बूढ़ा रहा होगा या फिर नौसिखिया. महिला को लगे जख्म ने तेंदुए को ज्यादा देर तक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया होगा, क्योंकि उसे लगा होगा कि महिला का शिकार किया जा सकता है.'रूद्रप्रयाग वन विभाग के सब डिविजनल असफर अजय कुमार ने बताया कि उनकी टीम ने गांव का दौरा किया है और तेंदुए के मृत शरीर को अगस्त्यमुनि लाया गया है. तेंदुए का पोस्टमार्टम किया जाएगा तब जाकर उसके मौत के कारणों का पता चल पाएगा.सेम-कोटी गांव की कमला नेगी (56) पत्नी स्व. देव सिंह रविवार सुबह खेतों में सिंचाई के लिए कोटी गदेरे में गूल में पानी जोड़ने गई थी। करीब साढ़े नौ बजे झाड़ियों में छिपे गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। महिला ने भी हिम्मत नहीं हारी और गुलदार पर दरांती और कुदाल से हमला करना शुरू कर दिया। साथ ही मदद के लिए चिल्लाती भी रही। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मदद के लिए दौडे़। तब तक बुरी तरह घायल गुलदार पस्त होकर मरणासन्न स्थिति में जमीन पर लेट गया और वहीं ढेर हो गया। ग्राम प्रधान जगदीश सिंह और त्रिवेंद्र रावत ने श्रीनगर। श्रीनगर के बेस अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कमला देवी करीब आधे घंटे तक गुलदार से लड़ीं। उन्होंने बताया कि आत्मरक्षा में दरांती और कुदाल से उन्होंने गुलदार पर कई वार किए जिससे उसके दांत भी टूट गए। गुलदार के हमले में कमला देवी के बाएं हाथ की हड्डी दो स्थानों पर बाहर निकल गई, जबकि दायां हाथ एक स्थान पर टूट गया। गंभीर रूप से घायल कमला देवी करीब एक किमी पैदल चलकर किसी प्रकार गांव के पास पहुंची, जहां से अन्य ग्रामीण कमला देवी को अगस्त्यमुनि लाए। अगस्त्यमुनि में प्राथमिक उपचार के बाद कमला देवी को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉ. अब्दुल रॉफ ने कहा कि महिला की स्थिति गंभीर है। दोनों हाथ बुरी तरह जख्मी हैं। सिर पर भी काफी घाव हैं। सीटी स्कैन की रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। कमला देवी के साथ आए गोविंद सिंह ने कहा कि गुलदार की मौत की खबर ग्रामीणों ने उन्हें फोन पर दी।गुलदार का मुकाबला करने वाली महिला को वीरता के लिए सम्मानित करने की मांग की। उप प्रभागीय वनाधिकारी सोहन लाल ने बताया कि विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। घटना के कारणों का पता किया जा रहा है। घनसाली (टिहरी)। भिलंगना ब्लॉक के गांवों में सक्रिय नरभक्षी गुलदार का खात्मा हो गया। वन विभाग का दावा है कि मारा गया गुलदार ही नरभक्षी था। हिंदाव और ग्यारहगांव पट्टी के गांवों में पिछले एक माह से नरभक्षी गुलदार सक्रिय था। एक माह में गुलदार तीन अलग-अलग गांवों में तीन लोगों को शिकार बना चुका है। 14 अगस्त की रात को वन विभाग ने एक गुलदार मार गिराया था। उसके बाद भी क्षेत्र में गुलदार की दहशत बनी हुई है। बीते दिन आली गांव की एक गर्भवती महिला को गुलदार ने निवाला बना लिया था। क्षेत्रवासियों के आक्रोश के बाद वन विभाग ने शूटर तैनात कर बीती शाम को गुलदार को मार गिराया था। उप प्रभागीय वनाधिकारी हेम शंकर मैंदोला ने बताया कि मारा गया गुलदार नरभक्षी था क्योंकि उसके नाखून टूटे हुए थे। इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने वन विभाग से क्षेत्र में फिलहाल वनकर्मियों के गश्ती दल को वहीं तैनात रखने को कहा है।

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

pranam mama ji....badi prasanta hui aapka ye blog dekh k...dhanyawad sabhi samacharo se hame awgat karne k liye...mujhe vishwas hai ki aap awasya he safalta hasil karenge...


Unknown ने कहा…

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