बुधवार, 22 अप्रैल 2015

श्री बदरीनाथ धाम तैयार, हाईवे जाम

सौ से अधिक श्र(ालुओं ने करायी श्री बदरीनाथ की विशेष पूजा बुकः बीडी सिंह


नंदन विष्ट

 श्री बदरीनाथ धम के कपाट खुलने में अब तीन दिन रह गए हैं। यात्रा तैयारियां भी अब अंतिम चरण में हैं। श्री बदरीनाथ धम में कुबेर गली, श्र(ालु स्थल और मंदिर परिसर से सटे स्थलों से बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। हालांकि बदरीनाथ हाईवे अभी कंचनगंगा में बाधित है। सीमा सड़क संगठन इसे दुरुस्त करने में जुटे हैं, यहां पर सड़क खुलवाना चुनौती बना हुआ है। यात्रा को लेकर इस बार उत्साह देखने को मिल रहा है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि अब तक दो हजार से अध्कि लोग मंदिर समिति से यात्रा को लेकर जानकारियां अलग अलग माध्यमों से ले चुके हैं। 100 से अधिक श्र(ालु विशेष पूजा बुक करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ धम व केदारनाथ धम की यात्रा सुरक्षित है और यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। बदरीनाथ धम में ध्र्मशालाओं, होटलों में बुध्वार तक पांच हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी निजी ध्र्मशाला व होटलों के खुलने में सड़क बाध बन रही है। कारोबारियों को हाईवे खुलने का इंतजार है। श्री बदरीनाथ धम के परिक्रमा स्थल सहित पंचशिला क्षेत्रा से बपर्फ हटाकर बदरीनाथ मंदिर तक आवाजाही सुचारु हो गई है। कुबेर गली के साथ ही श्र(ालुओं के लाइन में खड़े होने वाले स्थान से भी बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। बताते चलें कि कुबेर देवता कपाट खुलने वक्त इसी गली से मंदिर में प्रवेश करते हैं। पुलिस थाने से साकेत तिराहे होते हुए मंदिर तक भी मार्ग से बर्फ हटा दी गई है। अलबत्ता, हाईवे अवरु( होने के कारण टूटे हुए टिन शेडों की मरम्मत शुरू नहीं हो पाई। श्री      बदरीनाथ धम में होटल, ढाबों की बात करें तो अभी निजी होटल, ढाबे अभी एक भी नहीं खुले हैं। हां, मंदिर समिति ने अपने स्तर पर श्र(ालुओं के लिए व्यवस्थाएं कर रखी हैं। हाईवे जरूर टेंशन दे रहा है। स्थिति यह है कि तीन दिनों से कंचनगंगा में छह डोजर हिमखंडों को हटाने के काम में जुटे हैं। भारी भरकम हिमखंड होने के कारण अभी तक बीआरओ हाइवे को नहीं ढूंढ़ पाया है। बीआरओ द्वारा जेपी कंपनी की भी मदद ली गई है। बदरीनाथ कंचनगंगा से दो किमी दूर है। ऐसे में स्थानीय लोग, व्यवसायियों को पैदल बदरीनाथ जाने के लिए एसडीआरएफ के जवान मदद करा रहे हैं। सीमा सड़क संगठन के द्वितीय कमान अध्किारी मेजर रूपज्योति दास का कहना है कि कंचनगंगा हिमखंड में 40 पफीट बपर्फ हटाने के बाद भी सड़क नहीं मिल पाई है। बीआरओ की कोशिशें जारी हैं।

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