गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

‘कांपते’ हाथों में डंडा देख ‘दुबका’ गुलदार

चमोली जिले के गनोली गांव के 70 वर्षीय चंद्र सिंह ने डंडे से किए गुलदार पर कई वार




नंदन विष्ट

 जब अपनों पर संकट आया तो 70 बसंत पार कर चुके बुजूर्ग का खून खोल गया और उसने कांपते हाथों से डंडा उठाया और गुलदार से भिड़ कर उसे दुबकने के लिए मजबूर कर दिया। 70 साल की उम्र में ऐसी पफुर्ती देख सभी दंग रह गए और सभी की जुबा पर इस बुजुर्ग के हौंसले व बहादुरी की दाद दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार गुरुवार तड़के तीन बजे चमोली जिले के गनोली गांव में जब भजन सिंह के घर में गुलदार घुसने की सूचना चंद्र सिंह को मिली तो वह दौड़ कर वहा पहुंचे। जब उन्हें पता चला कि घर के अंदर उनके भाई, भाभी और तीन नाती-पोते मौजूद हैं तो उनके होश पफाख्ता हो गए। इसके बाद 70 वर्षीय चंद्र सिंह ने जान की परवाह न कर खून के रिश्तों को निभाते हुए अपना जीवन भी संकट में डालकर घर के अंदर जाने का निर्णय लिया। हालांकि तब गांव के अन्य लोग रोशनदान से घर के अंदर जाकर पफंसे लोगों को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। बड़े भाई के परिवार को संकट से निकालने के लिए घर के अंदर गए चंद्र सिंह का कहना है कि जब बड़े भाई भजन सिंह पर गुलदार ने हमला कर उन्हें नीचे गिराकर निवाला बनाया जा रहा था तो वह हकदक रह गए थे। उन्होंने यह सब कुछ इसलिए भी सापफ सापफ देखा क्योंकि उनके हाथों में टार्च होने के चलते रोशनी की गई थी। चंद्र सिंह का कहना है कि डर के बाद भी उनके अंदर भाई को बचाने के लिए कहां से ऊर्जा आई और उन्होंने हाथ पर रखे डंडे से गुलदार पर पांच बार वार किया। हमले से हड़बड़ाए गुलदार ने भी निवाला छोड़कर पिफर कमरे के किनारे पर दुबकने में मजबूर हो गया। इसी दौरान रोशनदान के बाहर से भी ग्रामीण पूरा नजारा देखकर हल्ला मचा रहे थे। अपनी जान की परवाह किए बगैर ही चंद्र सिंह ने घायल भाई को घसीटकर किसी तरह रोशनदान तक ले जाकर उन्हें सबसे पहले बाहर निकाला और पिफर खुद बाहर आए। यह खबर आग की तरह पूरे क्षेत्रा में पफैल गयी और लोग इस बुजूर्ग की हिम्मत की तारीपफ करने से पीछे नहीं हट रहे।

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