सोमवार, 20 अप्रैल 2015

बाबा केदार चले कैलाश

केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली केदारनाथ के लिये रवाना


शीतकालीन गॄीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में मत्रोच्चारण, छह कुमाऊं रेजीमेन्ट और स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के बीच बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली गर्भ गृह से बाहर लाई गयी। जहां आचार्यो, पुजारियों, वेदपाठियों व हक-हकूकधारियों ने मंत्रोंच्चारण के साथ डोली की विशेष पूजा-अर्चना की। डोली को फूल-मालाओं से सुसज्जित किया गया।  इसके बाद डोली ने ओंकारेश्वर मन्दिर की तीन परिक्रमाएं की और अपने धाम केदारनाथ के लिये रवाना हुई। डोली के धाम जाते समय कई भावुक क्षण भी देखने को मिले। जबकि कई श्रद्घालु बाबा केदार की भक्ति में लीन होकर आर्मी बैण्ड की धुनों पर थिरकने लगे। वहीं महिला श्रद्घालु भी भोले बाबा की भक्ति में मदमस्त रही। ठीक सवा दस बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोलीे के मन्दिर परिसर से हिमालय के लिये रवाना होते ही भोलेनाथ के जयकारों और कीर्तन-भजनों से मन्दिर परिसर गुंजायमान हो उठा। ऐसा तीत हो रहा था कि सम्पूर्ण देव लोक इसी भू-भाग पर उतर आया है। भगवान केदार बाबा के साक्षात दर्शन के लिए बडी संख्या में श्रद्घालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने पहले रात्रि वास लिये विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंची। मंगलवार को डोली रात्रि वास के लिए फाटा पहुंचेगी। इसके बाद 22 अैल को फाटा से स्थान कर रात्रि वास के लिए गौरीमाता मन्दिर गौरीकुण्ड पहुंचेगी। 23 को अन्तिम रात्रि वास डोली  केदारनाथ धाम मे करेगी और 24 अैल को मिथुन लग्र में 8 बजकर 50 निमट पर वेदऋचाआ,े मंत्रोंच्चारण व छह कुमाऊं रेजीमेन्ट की बैण्ड धुनों के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्घालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव शैलारानी रावत,  पूर्व विधायक आशा नौटियाल, पूर्व जिपं अध्यक्ष चण्डी साद भट्ट, कुंवर सिंह पंवार, जिपंस मीना पुण्डीर, एसडीएम उत्तम सिंह चौहान, तहसीलदार एसपी उनियाल, कार्यधिकारी अनिल शर्मा, इन्दू भूषण नौटियाल, थानाध्यक्ष श्याम लाल कोली, देवानन्द गैरोला, अतुल जैन, शालिनी जैन,  शत्रुधान सिंह नेगी, आचार्य हर्ष जमलोकी, श्रीनिवास पोस्ती, राजकुमार नौटियाल, अनुसूया साद भट्ट, वीरेन्द्र नौटियाल, विश्वमोहन जमलोकी, बलवन्त सिंह रावत, मोहन सिंह रावत, दुर्गा देवी, रणजीत रावत, रमेश खरोला, सहित देश विदेश के श्रद्घालु मौजूद थे। 

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