गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

आस्था की ‘परीक्षा’ में भक्त ‘पास’

प्रदेश सरकार की योजना सात सौ पचास रूपये में गोविंदघाट से जोशीमठ हेलीकाप्टर से करें यात्रा
कुछ समाचार पत्रा और टीवी चैनल प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए बदरीनाथ धाम की यात्रा रोकने की बात प्रचारित कर रहे हैं। हकीकत तो यह है कि देश-विदेश के सैकड़ों श्र(ालु नित्य कर रहे है नित्य बदरीविशाल के दर्शन



 भू-बैकुण्ठधम बदरीनाथ तक पहुंचने वाले रास्ते में बाधांए आ रही है। इसके बाद भी भक्तों की आस्था के पथ नहीं थम रहे। श्र(ालु मार्ग बंद होने के बाद भी पैदल ही धाम में पहुंचकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार की विपफलता के कारण प्रदेश के कुछ स्थानीय समाचार पत्रा और टीवी चैनल सरकार पर दबाव बनाने के लिए हालांकि यह प्रचारित कर रहे हैं कि बदरीनाथ धम की यात्रा रोकी गई और तीर्थयात्राी वापस जा रहे हैं जबकि हकीकत यह नहीं है। हकीकत तो यह है कि देश-विदेश से आये सैकड़ों श्र(ालु नित्य बदरीनाथ की और पैदल की प्रस्थान कर भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर रहे हैं। बदरीनाथ यात्रा को रोके जाने की खबरें पूरी तरह से गलत हैं। बदरीनाथ यात्रा नियंत्रित रूप से लगातार चल रही है। जहां रास्ता बार बार भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है वहां बदरीनाथ के यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बताया कि जोशीमठ से आगे मारवाड़ी में हाथीपहाड के भूस्खलन में लगभग 150 मीटर का हिस्सा ध्ंस गया है जबकि 400-500 मीटर के हिस्से में मलबा आ रखा है। सरकार द्वारा वैकल्पिक इंतजाम कर दिए गए हैं। इस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं कि यात्रा बाध्ति न हो। बीआरओ के अध्किारियों द्वारा आश्वस्त किया गया है कि रास्ते के इस हिस्से को 72 घंटे में दुबारा गाड़ियां चलने लायक बना दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यात्रा को रोके जाने की खबरें बिल्कुल भी सही नहीं है। मारवाड़ी के पास कल भूस्खलन हुआ था जिसे बीआरओ द्वारा मार्ग खोले जाने के प्रयास किए गए। परंतु आज प्रातः 4ः30 बजे दुबारा वहीं पर भूस्खलन हुआ। जिलाध्किारी व अन्य अध्किारी तुरंत मौके पर पहंुचे। 8ः30 बजे तक हमारे द्वारा यात्रियों का मूवमेंट प्रारम्भ कर दिया गया। शासन से वरिष्ठ        शेष पेज चार पर
अध्किारियों को भी भेजा गया है। सचिव आपदा प्रबंध्न, सचिव लोक निर्माण विभाग व आईजी गढ़वाल को मौके पर भेजा गया है। तीनों अध्किारियों को गोविंदघाट में कैम्प करने के निर्देश दिए गए हैं। आईटीबीपी का भी सहयोग लिया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्राी ने स्वयं जोशीमठ पहंुच कर मौके का निरीक्षण किया है। आज बदरीनाथ मार्ग से 650 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें से 150 को हेलीकाॅप्टर से जबकि 500 श्र(ालुओं को सड़क मार्ग से पहंुचाया गया। श्री शर्मा ने कहा कि कोई भी यात्राी किसी भी स्थान पर पफंसा नहीं है, केवल 150 श्र(ालु अपनी इच्छा से बदरीनाथ में रूके हैं। जब तक मार्ग पूरी तरह से गाड़ियों की आवाजाही के लिए खुल नहीं जाता है, श्र(ालुओं को ट्रांसशिप करके यात्रा कराई जाएगी। यात्रियों को 2 किमी का पैदल ट्रेक करना होगा। इसके बाद गोविंदघाट से गाड़ियों से उन्हें बदरीनाथ पहंुचाया जाएगा। इसके लिए 30 गाड़ियां पहले से ही मौजूद हैं। बदरीनाथ व अन्य स्थानों पर यात्रियों के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। सरकार का पूरा प्रयास है कि प्रकृति द्वारा उत्पन्न अवरोध् से यात्रा में किसी प्रकार का अवरोध् न आए। साथ ही यात्रियों को असुविधएं भी न हों। हमारी प्राथमिकता है कि यात्रा लगातार चलती रहे और यात्राी भी पूरी तरह से सुरक्षित रहें। श्री शर्मा ने बताया कि केवल इस अवध् िके लिए जब तक कि बदरीनाथ मार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह शुरू नहीं हो जाती है, एक पैकेज तैयार किया जा रहा है कि जिसके तहत मात्रा 750 रूपए के भुगतान पर गोविंदघाट से जोशीमठ हेलीकाप्टर से जाया जा सकेगा।  उध्र मुख्यमंत्राी हरीश रावत ने कहा कि चारधम यात्रा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है। मुख्यमंत्राी हरीश रावत ने निर्देश दिये है कि चारधम यात्रा को देखते हुए शासन के सभी वरिष्ठ अध्किारी व जनपद अध्किारी मुख्य सचिव के संपर्क में रहेंगे। किसी भी प्रकार की कोई आपात स्थिति होने पर सीध्े मुख्य सचिव अथवा मुख्यमंत्राी कार्यालय में संपर्क किया जाय। मुख्यमंत्राी  के निर्देश पर आज मुख्य सचिव द्वारा शासन के सभी वरिष्ठ अध्किारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये। इनमें अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं प्रभारी सचिवों को निर्देश जारी किये है कि सभी अध्किारीगण अपना मोबाइल फोन 24 घंटे खुला रखेंगे, ताकि किसी भी समय संपर्क करने पर तत्काल उत्तर दिया जाय और इसमें किसी प्रकार की बहाने बाजी स्वीकार नहीं की जाएगी। किसी भी नागरिक द्वारा मोबाईल पर सम्पर्क करने पर शिष्टाचार के नाते वार्ता करना सुनिश्चित करें। अवकाश के दिनों में भी सभी अध्किारी अपने मुख्यालय में उपस्थित अथवा संपर्क में रहेंगे।

आशुतोष डिमरी/ नंदन विष्ट

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