शनिवार, 18 अप्रैल 2015

गंगोत्री-यमुनोत्री में सन्नाटा


 अक्षय तृतीया के दिन 21 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने हैं, लेकिन अभी तक दोनों धाम में पसरा सन्नाटा नहीं टूटा है। दोनों धामों में अब भी अधिकांश दुकानें बंद हैं। देर तक हुई बर्फबारी के कारण बाजार में दुकानों के आगे से बर्फ के ढेर भी नहीं हटाए जा सके हैं। पूजा सामग्री की कुछ दुकानों को छोड़कर अधिकांश दुकानें अभी तैयार नहीं हो सकी हैं। वर्ष 2013 में जून माह बाढ़ के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में सीजनल व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ था। कपाट खुलने के महज डेढ़ माह बाद ही आपदा के कारण व्यापारियों को सामान वहीं छोड़कर वापस लौटना पड़ा था। पूर्व में दोनों धामों में यात्रियों की आमद का जो आंकड़ा चार लाख से ऊपर पहुंचता था। वर्ष 2014 में घटकर 58 हजार ही रहा। इस कारण धाम में पचास फीसदी दुकानें ही खुल सकी। उनमें भी बरसात शुरू होने तक कई व्यापारी वापस लौट गए थे। हालांकि इस बार यात्रियों के बड़ी तादाद में पहुंचने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन अभी तक दोनों धामों के बाजार में चहल पहल शुरू नहीं हो सकी है। जबकि वर्ष 2013 तक कपाट खुलने से पंद्रह दिन पहले ही गंगोत्री धाम व्यापारियों, साधुओं और तीर्थ पुरोहितों से गुलजार हो जाता था। वहीं जानकीचट्टी बाजार के साथ ही यमुनोत्री धाम तक यात्रा के लिए माहौल तैयार हो जाता था। पांच किमी के पैदल मार्ग में भी इस बार दुकानें तैयार नहीं हो सकी हैं। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश   सेमवाल का कहना है कि गंगोत्री बाजार में यात्रियों ने तैयारी तो की है, लेकिन उम्मीद है कि कपाट खुलने के दिन से ही व्यापारी अपना कारोबार जमाना शुरू करेंगे। गंगोत्री बाजार में पूजा सामग्री व खाने रहने के होटल व रेस्टोरेंट सबसे ज्यादा हैं। इसके अलावा गर्म कपड़े, दवाइयां, किराना, लेमिनेटेड फोटो, ऑडियो वीडियो सीडी, छाते, टॉर्च समेत उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए जरूरी वस्तुओं का भी यहां पूरे यात्रा सीजन के दौरान कारोबार होता है। इसी तरह की दुकानें चारधाम यात्रा के पहले धाम यमुनोत्री में जानकीचट्टी के साथ ही यमुनोत्री धाम व बीच के पैदल मार्ग पर भी तैयार होती हैं। यह सीजनल व्यापारी पूरी तरह यात्रा के रुझान पर निर्भर है। चार धाम यात्रा के शुभारंभ को दो दिन शेष रह गए हैं। परिवहन विभाग अब तक 133 ग्रीन कार्ड जारी कर चुका है।चार धाम यात्रा संचालन में परिवहन विभाग की भूमिका अहम है। यही कारण है कि शासन की ओर से विभाग की जवाबदेही को और बढ़ाया गया है। चारधाम यात्रा मार्गो के लिए चार जांच दल बनाए गए हैं। ऋषिकेश को यात्रा का प्रवेश द्वार कहा जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ने इस बार वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने के लिए चार काउंटर बनाए हैं। सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक यह काउंटर खुले रहेंगे। 15 अप्रैल से यहां ग्रीन कार्ड जारी करना शुरू कर दिया था।
 इन चार दिनों में ग्रीन कार्ड जारी करने के जो आंकड़े सामने आए हैं वह यात्रा के प्रति आशंकित लोगों को राहत देने वाले हैं। विभाग की ओर से अब 133 ग्रीन कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें 39 बस, 69 टैक्सी, 22 मैक्स, तीन मिनी बस शामिल है। 15 अप्रैल को 15, 16 अप्रैल को 38, 17 अप्रैल को 50 व 18 अप्रैल को 30 ग्रीन कार्ड जारी किए गए हैं। यहां से अब तक जितने भी ग्रीन कार्ड जारी हुए हैं, उसमें बाहरी राज्य का कोई वाहन नहीं है। सभी वाहन स्थानीय लोगों के हैं। वहीं, ऋषिकेश के एआरटीओ एके जाससवाल ने बताया कि चार धाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग की तैयारी पूर्ण है। अब तक 133 ग्रीन कार्ड जारी कर दिए गए हैं। संख्या धीरे-धीरे बढ़ेगी। वाहन स्वामियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

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