विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को तय समय सुबह खुलेगे। चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में अपार उत्साह का उदाहरण इस बात से मिलता है कि बाहरी राज्यों के २७ श्रद्धालुगण भी केदारनाथ पहुंचे। वहीं यहां दून से सात विकलांगो के दल को मुख्यमंत्री की ओर से केदरधाम के लिए रवाना किया गया। उधर कांगे्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शुक्रवार को धाम के कपाट खुलने के पहले दिन भगवान केदार के द्वार पर मत्था टेकेंगे। केदारनाथ धाम की यात्रा के उद्देश्य से राहुल गांधी गुरूवार दोपहर १२.०५ पर जॉलीगं्राट एयरपोर्ट पर पहुंचे। चार्टर प्लेन से आए राहुल गांधी कुछ देर विश्राम के बाद विमान से गौरीकुण्ड की ओर रवाना हुए। उल्लेखनीय रहे कि भाजपा नेताओं ने यात्रा मार्गों का निरीक्षण कर खामियां निकालते हुए गृह मंत्री से मुलाकात की। वहीं राहुल की इस यात्रा को भाजपा के सवालों का जवाब देना माना जा रहा है। उधर बाबा केदार की डोली गुरूवार को सुबह गौरीकुण्ड से केदारधाम की ओर रवाना हुई। बाबा की यह उत्सव डोली सैकड़ों श्रद्धालुओं संग देर रात तक केदारधाम पहुंच जाएगी। केदारधाम के दर्शन को प्रथम पड़ाव ऋषिकेश से भी श्रद्धालुओं की बसें रवाना किए जाने की खबर रही। वहीं मौसम विभाग की ओर से पहाड़ी इलाकों में मौसम बिगडऩे की संभावना जताई है। विभाग की ओर से साढ़े तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों पर बर्फवारी की संभावना जताई है। मौसम के मिजाज को लेकर जिला प्रशासन की ओर से हर एतिहाती कदम उठाने के दावे किए हैं। बताया गया कि लिनचौली के बाद केदारधाम तक रास्ते में पड़ी बर्फ को हटाने का काम दिनरात चल रहा है। हालांकि काफी आगे तक बर्फ हटा ली गई है। बाकी बचा काम जल्द पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम की दूरी १६ किलोमीटर बताई जाती है, जबकि लिनचौली से छह किलोमीटर की दूरी श्रद्धालुओं को पैदल ही तय करनी पड़ती है। गुरूवार दोपहर राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर ने गौरीकुण्ड में लैण्ड किया। शुक्रवार सुबह राहुल गांधी लिनचौली से पैदल ही भगवान केदार के दर्शन को रवाना होंगे। यहां जॉलीग्रांट एयर पोर्ट पर राहुल के स्वागत में सीएम हरीश रावत, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश समेत अन्य मौजूद रहे। कांगे्रसी सूत्रों की माने तो राहुल के साथ मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष समेत कुछ अन्य भी लिनचौली से पैदल ही केदारधाम तक यात्रा करेंगे।
प्रातः आठ बजकर आठ मिनट पर खुलेंगे कपाट
बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने धम केदारनाथ पहुंच चुकी है। आज प्रात: आठ बजकर मिनट पर मिथुन लगन में भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये आम श्र(ालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जाएंगे। तृतीय रात्रि प्रवास गौरीकुंड में करने के बाद गुरूवार को बाबा केदारनाथ की डोली रामाबाड़ा, जंगलचटटी, लिनचैली होते हुए देर सांय केदारनाथ पहुंची। केदारनाथ पहुंचने पर यहां पूर्व से मौजूद भक्तों ने पफूल-मालाओं के साथ बाबा केदार की डोली का भव्य स्वागत किया। शुक्रवार प्रात भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा अर्चना के बाद ठीक आठ बजकर पचास मिनट पर ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिये जाएंगे। इसके बाद कपाट बंद होते समय भष्म, ब्रहमकमल, राख, पुष्प-अक्षत्रा से भगवान शिव के स्वयंभू लिंग को दी गई समाध् िको श्र(ालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा। तद पश्चात भगवान केदारनाथ की विध्वित पूजाएं शुरू हो जाएंगी। इससे पूर्व बीस अप्रैल को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से प्रस्थान कर प्रथम रात्रि प्रवास गुप्तकाशी, द्वितीय फाटा और तृतीय रात्रि प्रवास गौरीकुंड में किया था। भगवान केदारनाथ की डोली के साथ देश-विदेश एवं स्थानीय श्र(ालु भी हजारों की संख्या में केदारनाथ पहुंचे हैं।रवाना हुई गाड़ू घड़ा कलश यात्रा
देहरादून। भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि भी नजदीक आ रही है। आगामी २६ अप्रैल को तय समय पर वैदिक मंत्रोच्चार के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। वही गुरूवार को गाड़ू घड़ी कलश यात्रा बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई। गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट खुलने से जहां श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा जा रहा है। वहीं केदारनाथ धाम में भगवान शिव के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं में ऊर्जा की भरमार दिख रही है। २६ को भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं। गुरूवार को गाडू़ घड़ी कलश यात्रा ने लक्ष्मीनारायण मंदिर से बदरीनाथ के लिए प्रस्थान किया। यात्रा जोशीमठ के नृसिंह मंदिर पहुंचेगी, जिसके बाद २६ को धाम के कपाट खुल जाएंगे।